लीजिए सेहत से भरी चाय की चुस्कियां

लीजिए सेहत से भरी चाय की चुस्कियां

सेहतराग टीम

बदलते मौसम की वजह से कई तरह के रोग हमारे आस-पास फैल रहे हैं। उन्हीं में एक है साइनस की समस्या, जो आज के समय की सबसे ब़ड़ी बीमारी है। अधिकतर लोग इससे परेशान हैं। इसमें लोगों को खांसी और जुकाम जैसी समस्याएं होती हैं। ऐसी स्थिति में लोग क्या करें ये सबसे बड़ा सवाल है। तो आज हम आपको बताएंगे कि जड़ी बूटियों से बनी चाय के बारे में जिसका उपयोग इस बीमारी से बचा सकता है।

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चाय के प्रकार और लाभ (Different Types of Tea and Their Benefits in Hindi):

तुलसी और अदरक की चाय

तुलसी और अदरक की चाय तो आपने कई बार पी होगी। ये चाय अस्थमा के अलावा कई बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए फायदेमंद है। 

मुल्येन चाय

ये चाय भी अस्थमा रोगियों के लिए रामबाण है। मुल्येन चाय ब्रोन्काइटिस, बलगम जैसी समस्यों का कारगर उपाय है। ये घबराहट और अस्थमा के लक्षणों के इलाज में फायदेमंद है।

काली चाय

जैसा कि नाम से ही साफ है अगर इस चाय को आप बिना दूध के बनाएं तो ये ज्यादा फायदेमंद होगी। इसमें फायटोकेमिकल्स, एंटी ऑक्सीडेंट्स, फ्लोराइड्स, टेनिन्स जैसे तत्व पाए जाते हैं। ये सभी तत्व डायबिटीज के अलावा अस्थमा जैसी बीमारियों से भी लड़ने का काम करते हैं।

शहद और दालचीनी की चाय

ये चाय भी अस्थमा के मरीजों के लिए लाभकारी है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में होता है जो इम्यूनिटी को बूस्ट करता है। इसमें ग्रीन टी की कुछ पत्तियां मिलाने से और भी फायदा होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ग्रीन टी के एंटी ऑक्सीडेंट्स फेफड़ों में सूजन को कम करने का काम करता है। वहीं दालचीनी एंटीफंगल और एंटीवायरल गुणों से भरपूर होती है। अस्थमा के मरीज इसे सुबह और शाम कभी भी पी सकते हैं लेकिन किसी भी चीज की अति बुरी होती है। इसलिए बहुत ज्यादा सेवन से बचें। 

नीलगिरी चाय

नीलगिरी की चाय यूकेलिप्टस के पेड़ की पत्तियों से बनाई जाती है। ये एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है। जो लोग अस्थमा से पीड़ित हैं उनके लिए ये चाय बहुत फायदेमंद होती है। ये चाय फेफड़ों में सूजन को कम करती है साथ ही बलगम बनने से भी रोकती है।

 

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